स्टॉक और म्यूचूअल फंड दोनों ही लोगों के बीच काफी ज्यादा पोपुलर है। ये दोनों ही काफ़ी अच्छे इन्वेस्टमेंट विकल्प है, जिनका इस्तमाल कर आप अपने पैसों में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे देखा जाए तो म्यूचूअल फंड में भी शेयर ही खरीदा बेचा जाता है लेकिन यह काम एक बहुत ही ज्यादा Qualified फंड मैनेजर करता है तो इसमे रिस्क काफी कम हो जाता है और आपको किसी भी तरह की मेहनत नहीं करती पड़ती है।
इन दोनों निवेश विकल्प के कार्य करने का तरीका अलग है, दोनों एक दूसरे से काफ़ी भिन्न है, और साथ ही इन दोनों का लक्ष्य भी अलग-अलग है।
इसके अलावा भी दोनों मे कई सारी असमानताये है जिनके बारे हम आगे इस आर्टिकल मे बात करेंगे।
और साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे की आपको दोनों मे किसे चुनना चाहिए आपके लक्ष्य को ध्यान मे रख कर।
Stocks या Mutual Funds

दोनों ही निवेश विकल्प यानि की स्टॉक और म्यूच्यूअल फण्ड का आपके पोर्टफोलियो में होना बहुत ही ज़रूरी है। इसलिए आपको भी इन दोनों के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान होना आवश्यक है, वहीं इन दोनों में क्या अंतर है उसके बारे में भी आपको जानना चाहिए।
स्टॉक क्या है ?
स्टॉक का मतलब होता है एक हिस्सा उस कम्पनी का जिसका आपने Share ख़रीदा है। यानी की यदि आपने रिलायंस कम्पनी का Share ख़रीदा है तब आप उस कम्पनी के एक हिस्सेदार बन चुके हैं। जैसे जैसे कम्पनी बढ़ेगी वैसे वैसे आपके कम्पनी के Share की क़ीमत भी बढ़ेगी और आपके इन्वेस्टमेंट का रिटर्न भी बढ़ेगा।
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट का होना बहुत ही आवश्यक होता है। एक डीमैट अकाउंट क्या है और कैसे खोलें इसकी जानकारी के लिए आप यहाँ पर पढ़ सकते हैं।
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है ?
म्यूच्यूअल फण्ड एक प्रकार का Pooled इन्वेस्टमेंट होता है जिसमें की काफ़ी सारे Financial asset के चीजें होती हैं। यानी की एक म्यूच्यूअल फण्ड में आपको बहुत से Share, Bond, और दूसरे Financial asset एक साथ मिलकर होते हैं।
ऐसे में जब आप एक म्यूच्यूअल फण्ड ख़रीदते हैं तब आपको इन सभी Financial asset का एक हिस्सा प्राप्त होता है। इन म्यूच्यूअल फण्ड को एक फंड मैनेजर manage करते हैं। यानी की आपको इस विषय में कुछ भी टेन्शन लेने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती है।
Stocks लेने के फायदे और नुक़सान
स्टॉक लेने के फायदे और नुक़सान दोनों मौजूद हैं, चलिए उस विषय में जानते हैं :-
फायदे
- इसके जरिए आप डायरेक्ट किसी कंपनी के शेयर खरीद कर उसके एक हिस्सेदार बन जाते है, आपको ऐसे बहुत से apps मिल जाएँगे जिससे की आप आसानी से स्टॉक यानि की शेयर की खरीद बिक्री कर सकते हैं।
- इन स्टॉक में आपको काफ़ी ज़्यादा फायदा भी मिल सकता है यदि उस स्टॉक की वैल्यू बढ़ गयी तब।
- स्टॉक को ख़रीदने और बेचने में काफ़ी कम ट्रेडिंग cost लगता है।
- शेयर मे निवेश कर आप शॉर्ट टर्म या लॉंग टर्म मे भी काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
नुक़सान
- जहां आपको भारी प्रोफ़िट हो सकती है वहीं यदि उस स्टॉक की क़ीमत में गिरावट हो तब आपको भारी नुक़सान भी उठाना पड़ सकता है।
- सही स्टॉक का चुनाव करने के लिए आपको काफ़ी समय लग सकता है। वहीं इसकी ट्रेडिंग करने के लिए आपको काफ़ी समय देना होता है।
- स्टॉक ख़रीदने पर आपको थोड़ा बहुत टेन्शन भी होगा क्यूँकि यदि उसकी वैल्यू में गिरावट हो तब आपको चैन की नींद नहीं आने वाली है।
- स्टॉक मार्केट मे निवेश करने पर आपने जिस कंपनी के शेयर खरीदे है उस के हर खबर पर नजर रखनी होती है और साथ ही मार्केट पर भी तब ही आप बिना लॉस किए प्रॉफ़िट कमा सकते है।
यह भी पढे :- जीडीपी क्या है और इसे बढ़ाने मे आप कैसे मदद कर सकते है
Mutual Funds लेने के फायदे और नुक़सान
म्यूच्यूअल फण्ड लेने के फायदे और नुक़सान दोनों मौजूद हैं, चलिए उस विषय में जानते हैं :-
फायदे
- इनकी क़ीमत काफ़ी कम होती है। वहीं कुछ कुछ इंडेक्स फंड में आपको काफ़ी कम expense ratio देना होता है।
- चूँकि म्यूचूअल फंड में काफ़ी सारे फाइनैन्शल इंस्ट्रुमेंट होते हैं इसलिए इसमें आपकी रिस्क काफ़ी हद तक कम हो जाती है।
- इन म्यूचूअल फंड को सम्भालने के लिए फंड मैनेजर होते हैं इसलिए आपको ज़्यादा स्ट्रेस लेने की ज़रूरत नहीं होती है।
- इसमे आपको ऐक्टिव होने की जरूरत नहीं रहती है क्युकी आपके म्यूचूअल फंड का फंड मैनेजर पर सारी जिम्मेदारिया रहती है।
नुक़सान
- म्यूचूअल फंड मे Expense ratio यानि की फंड को मैनेज करने का चार्ज कभी कभी काफी ज्यादा हो जाता है यह 1 से 2.5 % तक भी हो सकता है।
- इसके साथ ही म्यूचूअल फंड मे Exist Load करके भी एक चार्ज होता है। अगर आपने 1 साल के अंदर अपना म्यूचूअल फंड बेच दिया तो आपको 1% या उस से भी ज्यादा का exist load चार्ज देना पड़ सकता है।
- चूँकि इन्हें म्यूचूअल फंड को आप manage नहीं करते हैं ऐसे में थोड़ी बहुत चिंता तो बनी रहती है की आपका फंड मैनेजर ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
- ऐसा देखा गया है की ज्यादातर म्यूचूअल फंड शॉर्ट टर्म मे अच्छा रिटर्न नहीं दे पाते है।
Stocks या Mutual Funds कौन है बेहतर investment?
अब सवाल आता है की Stocks या Mutual Funds मे से कौन है सा Investment बेहतर है।
दरअसल ये आपके ऊपर है यानि की आपके रिस्क लेने की क्षमता और आपके लक्ष्य के ऊपर निर्भर करता है की आपको स्टॉक मार्केट मे निवेश करना चाहिए या फिर म्यूचूअल फंड मे।
यदि आप अपने फंड को काफ़ी लम्बे समय तक रखना चाहते हैं तब ऐसे में आपको म्यूचूअल फंड लेना चाहिए। जिसमें आपको ज़्यादा प्रोफ़िट तो नहीं होती है लेकिन इसमें रिस्क भी उतना ही कम होता है।
वहीं यदि आप जल्द प्रोफ़िट करना चाहते हैं तो आपको स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग करनी चाहिए। स्टॉक मार्केट मे ट्रैडिंग करने से पहले स्टॉक मार्केट के बारे में आपको अच्छे से रिसर्च करना होगा तो ही आप इसमें म्यूचूअल फंड के मुक़ाबले काफ़ी अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढे :- पर्सनल लोन कैसे ले जाने हिन्दी मे
निष्कर्ष
जहां स्टॉक्स में आप केवल एक या दो कम्पनी में अपना पैसे डालते हैं, वहीं म्यूचूअल फंड में आप एक समय में काफ़ी सारे फाइनैन्शल ऐसेट्स में अपने पैसे निवेश कर सकते हैं।
ऐसा जरूरी भी नहीं है की आपको इन दोनों निवेश विकल्प मे से एक को चुनना है, आप चाहें तो दोनों को अपने पोर्टफोलीओ का हिस्सा बना सकते हैं।
यदि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ share ज़रूर करें और अपने सुझाव नीचे कॉमेंट पर अवश्य बताएँ।